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कृषि में AI और IoT का प्रयोग

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 18% है, लेकिन आज भी 54% किसान पारंपरिक तरीकों से खेती करके संघर्ष कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, कीटों का हमला, और अनिश्चित बाजार के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकें किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।

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ये टूल न केवल फसलों की निगरानी करते हैं, बल्कि मौसम से लेकर मिट्टी तक का डेटा एनालाइज़ करके सटीक निर्णय लेने में मदद करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे AI और IoT भारतीय खेतों को “स्मार्ट फार्म” में बदल रहे हैं।


AI और IoT: कृषि की नई भाषा

AI क्या है?

AI एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को मानवीय सोच और सीखने की क्षमता देती है। उदाहरण: फसलों की बीमारी को पहचानने वाला ऐप।

IoT क्या है?

IoT उपकरणों का एक नेटवर्क है जो इंटरनेट के जरिए आपस में कनेक्ट होकर डेटा शेयर करते हैं। उदाहरण: मिट्टी की नमी मापने वाले सेंसर।AI और IoT: कृषि की नई भाषा

 

कृषि में AI के प्रमुख उपयोग

1. फसल रोगों की पहचान

  • तकनीक: AI-आधारित इमेज रिकग्निशन सॉफ्टवेयर।
  • कैसे काम करता है?: किसान पौधे की तस्वीर खींचकर ऐप पर अपलोड करते हैं। AI मॉडल बीमारी का पता लगाकर समाधान सुझाता है।
  • उदाहरण: मध्य प्रदेश के किसान “किसान सखी” ऐप का उपयोग करके कपास की फसल में पिंक बॉलवर्म की पहचान कर रहे हैं।

2. उपज का पूर्वानुमान

  • तकनीक: मशीन लर्निंग और सैटेलाइट डेटा।
  • लाभ: बाजार की मांग के अनुसार फसल की प्लानिंग।
  • केस स्टडी: महाराष्ट्र के अंगूर किसानों ने AI टूल्स से उत्पादन 25% बढ़ाया।

3. स्वचालित सिंचाई प्रणाली

  • तकनीक: AI + IoT सेंसर।
  • काम करने का तरीका: सेंसर मिट्टी की नमी और मौसम का डेटा AI को भेजते हैं। AI सिस्टम स्वतः पानी छोड़ने का निर्णय लेता है।

कृषि में IoT के जादूगरी भरे उपकरण

1. स्मार्ट सेंसर

  • मिट्टी सेंसर: pH, नमी, और पोषक तत्वों का विश्लेषण।
  • जलवायु सेंसर: तापमान, आर्द्रता, और हवा की गति मापना।
  • लाभ: रियल-टाइम डेटा से सिंचाई और खाद का सही समय पता चलता है।

2. ड्रोन टेक्नोलॉजी

  • उपयोग:
    • कीटनाशक छिड़काव (1 एकड़ में 10 मिनट)।
    • फसल स्वास्थ्य की मैपिंग (NVDI इमेजिंग)।
  • उदाहरण: पंजाब में ड्रोन से गेहूं के खेतों पर 30% कम कीटनाशक का उपयोग।

3. स्मार्ट ट्रैक्टर और रोबोट

  • ऑटोनोमस ट्रैक्टर: GPS से चलने वाले ट्रैक्टर जो खेत जोतने, बीज बोने का काम करते हैं।
  • हार्वेस्टिंग रोबोट: AI आँखों से पके फलों को पहचानकर कटाई करना।

 

AI + IoT का कॉम्बो: सुपर स्मार्ट फार्मिंग

जब AI और IoT एक साथ काम करते हैं, तो कृषि की दुनिया में क्रांति आ जाती है:

  • प्रिसिजन फार्मिंग: डेटा के आधार पर खेत के हर कोने का विश्लेषण।
  • प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स: मौसम, बाजार, और रोगों का पूर्वानुमान।
  • ऑटोमेशन: मानवीय भूलों को खत्म करना।

उदाहरण: कर्नाटक के कॉफी किसान IoT सेंसर और AI मॉडल्स से फसल की क्वालिटी कंट्रोल कर रहे हैं।AI + IoT का कॉम्बो: सुपर स्मार्ट फार्मिंग


भारत में AI और IoT के सफल प्रयोग

  1. तमिलनाडु का “e-किसान” प्रोजेक्ट: 500 गाँवों में IoT सेंसर लगाकर सिंचाई व्यवस्था सुधारी गई।
  2. हरियाणा का “स्मार्ट मंडी” ऐप: AI की मदद से किसानों को सबसे अच्छा बाजार मूल्य मिल रहा है।
  3. गुजरात में डेयरी फार्मिंग: IoT कॉलर से पशुओं की सेहत पर नजर।

चुनौतियाँ और समाधान

चुनौतियाँ:

  • लागत: छोटे किसानों के लिए AI-IoT उपकरण महँगे।
  • डिजिटल अशिक्षा: ग्रामीणों को टेक्नोलॉजी समझने में दिक्कत।
  • इंटरनेट कनेक्टिविटी: दूरस्थ इलाकों में नेटवर्क की कमी।

समाधान:

  • सरकारी सहायता: डिजिटल इंडिया और PM-KISAN के तहत सब्सिडी।
  • किसान प्रशिक्षण शिविर: IIT और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा वर्कशॉप।
  • लो-कॉस्ट डिवाइस: “खुदरा IoT किट” जैसे स्टार्टअप्स का उदय।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. क्या AI और IoT छोटे किसानों के लिए किफायती हैं?
हाँ! सरकार 50-70% सब्सिडी देती है। कई स्टार्टअप्स महीने के ₹500-1000 रेंटल पर IoT डिवाइस उपलब्ध करा रहे हैं।

Q2. क्या ये तकनीकें पारंपरिक खेती के साथ काम कर सकती हैं?
बिल्कुल! AI सलाह दे सकता है कि कब खाद डालें या कौनसी फसल बोएँ, जबकि किसान अपने तरीके से खेती करते रहें।

Q3. डेटा सुरक्षा का क्या? क्या कंपनियाँ किसानों के डेटा का गलत उपयोग कर सकती हैं?
सरकार ने “डेटा प्रोटेक्शन बिल” लागू किया है। हमेशा विश्वसनीय प्लेटफॉर्म चुनें और डेटा शेयर करते समय सावधानी बरतें।

Q4. AI-IoT के लिए कौनसी फसलें सबसे अच्छी हैं?
कैश क्रॉप्स (कपास, गन्ना), बागवानी (आम, सेब), और सब्जियाँ (टमाटर, मिर्च)।


निष्कर्ष

AI और IoT कृषि क्षेत्र में वह दवा हैं जो भारत के किसानों को “अन्नदाता” से “एग्री-एंटरप्रेन्योर” बना सकती हैं। ये तकनीकें न केवल उत्पादन बढ़ाएँगी, बल्कि खेती को युवाओं के लिए आकर्षक और प्रॉफिटेबल भी बनाएँगी। जरूरत है तो बस इन नवाचारों को गाँव-गाँव तक पहुँचाने की। जैसा कि कहा जाता है: “कल्पना से भी परे है AI की शक्ति, अब खेतों में होगी सिर्फ़ मेहनत की कीमत!” 🌾🤖

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